Get rid of weeds : खरपतवार से पाना चाहते हैं छुटकारा तो जानिए विस्तार से किसानों को मिलेगी खपतवार से छुटकारा जानिए विस्तार से जानिए कैसे होगा खेती से खपतवार छुटकारा किसानों ने अक्टूबर के आखिरी सप्ताह और नवंबर के शुरू में अगेती फसल की बुवाई कर दी थी। अब इस अगेती फसल की भूड़ भराव का समय चल रहा है। कुछ किसानों ने भूड़ भर दी है और कुछ भर रहे हैं। इसके बाद फसल में खरपतवार पैदा होना शुरू हो जाता है। गेहूं को खरपतवार से बचाने के लिए किसान दवा का छिड़काव करते हैं।
किसान कौन सी दवा का और कैसे छिड़काव करें, अभी भी कइयों को जानकारी नहीं है। कई बार दवा के छिड़काव से फसल जल जाती है और नुकसान उठाना पड़ता है। किसान इसके बारे में कृषि विशेषज्ञों से जानकारी ले रहे हैं, या फिर कृषि के कार्यक्रम टेलीविजन पर देख रहे हैं। क्षेत्रीय कृषि विकास अधिकारी भी किसानों को गांवों में जाकर जागरूक कर रहे हैं।
खरपतवारों से हानियाँ ;
खरपतवारों की उपस्थिति फसल की उपज को कम करने में सहायक है। किसान जो अपनी पूर्ण शक्ति व साधन फसल की अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए लगाता है। ये अनैच्छिक पौधे इस उद्देश्य को पूरा नहीं होने देते। खरपतवार फसल के पोषक, तत्व, नमी, प्रकाश, स्थान आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करके फसल की वृद्धि, उपज एवं गुणों में कमी कर देते है।
Get rid of weeds : खरपतवार से पाना चाहते हैं छुटकारा तो जानिए विस्तार से ।
खरपतवारों से हुई हानि किसी अन्य कारणों से जैसे कीड़े, मकोड़े, रोग, व्याधि आदि से हुई हानि की अपेक्षा अधिक होती है। एक अनुमान के आधार पर हमारे देश में विभिन्न व्याधियों से प्रतिवर्ष लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रूपये की हानि होती है जिसका लगभग एक तिहाई से
खरपतवार में कौन सी दवा डाली जाती है?
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों से अपील की है कि धान रोपाई के दो-तीन दिन के अंदर घास की खरपतवार नियंत्रित करने के लिये प्रेटीलाफ्लोर दवा 1250 मिलि प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करें।
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