नीमच। जिले के सिंगोली के निवासी एक पीड़ित ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर दिनेश जैन से न्याय की गुहार लगाई और एक आवेदन कलेक्टर को दिया है इसमें उन्होंने उनके स्वामित्व और आधिपत्य की भूमि पर षड्यंत्रकारियो द्वारा षड्यंत्र कर हड़पने के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है इसके साथ ही आवेदन में मानसिक प्रताड़ना के चलते परिवार के एक सदस्य की मौत के आरोप भी लगाए हैं।
सिंगोली निवासी नवीन पिता अनिल कुमार तिवारी ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर को एक आवेदन दिया है जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी दादी कौशल्या भाई के नाम से सर्वे नंबर 70/11 एवं सर्वे नंबर 70 की अन्य भूमि राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है यह भूमि सिंगोली किलेश्वर रोड पर स्थित है जिसमें उनके पूर्वज का चबूतरा भी सालों से बना हुआ है। उनकी जमीन के पिछे सिंगोली निवासी मुबारक पिता गुलाब खां मंसूरी की पड़त भूमि भी हैं जिस पर वह अवेध रूप से प्लाट काटने की योजना बना रहा है। जिस पर जाने के लिए वह उनके रास्ते से लगी हुई जमीन को हड़प कर उसे पर रास्ता निकालना चाहते हैं और प्लांट बेचकर करोड़ों रुपए का नाजायज लाभ कमाना चाहते हैं जिसके चलते वह उनकी जमीन को हड़पने की कोशिश कर रहे हैं ज्ञापन में पीड़ित ने पटवारी बाल किशन धाकड़, अशोक पिता नाथूलाल सेठिया, प्रवीण सेठिया, दीपक तिवारी, अशोक सेठिया पर भी इस षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। वही चतुर सीमा में मुबारक ने कौशल्या बाई के स्वामित्व की भूमि को जगदीश पिता बंसीलाल धाकड़ के नाम बिना कब्जे के सर्वे नंबर 70 /10 के भी बटे नंबर बताते हुए विक्रय पत्र का पंजीयन कर दिया है जबकि जो चतुर सीमा विक्रय पत्र में उल्लेखित की गई है उसे चतुर सीमा के बीच मुबारक की कोई भी भूमि स्थित नहीं है। अवेधानिक और गलत चतुर सीमा दर्शाकर पंजीयन कराने गए विक्रय पत्र के बाद मुबारक ने एक रास्ते का वाद कौशल्या बाई के विरुद्ध सिंगोली तहसील न्यायालय में प्रस्तुत किया है। जहां पर 24 अप्रैल को अंतिम तारीख देकर कौशल्या भाई को तलब किया गया जहां पर उपस्थित हुई तो कौशल्या भाई को घेर लिया गया और जमीन छोड़कर, फाटक हटाने और देवताओं के स्थान को अन्य जगह स्थानांतरित नहीं करने पर जेल भिजवाने और जमीन छीन लेने की बात कही। जिसके चलते कौशल्या भाई मानसिक तनाव में आ गई और भूमि हड़पने वालों की धमकियों से सदमे में आने से 8 मई को उनकी मौत हो गई है। ज्ञापन में मांग की गई है कि षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच की जाए और उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।