जावद। कृषि उपज मंडी के बाहर स्थित दुकानें मंडी प्रशासन ने व्यापारियों को माल रखने के लिए दी थी लेकिन दुकानों को लाखों रुपए की कमाई का स्रोत बना लिया है किसी ने दुकान को बेच दिया है तो कोई उसे किराए पर चल रहा है। प्रशासन की नाक के नीचे बेखौफ होकर नियम विरुद्ध कार्य किया जा रहे हैं। लेकिन मंडी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। मामले में तसीलदार ने जरुर अब जांच करवाकर कार्यवाही करने की बात कही है। बता दे की दुकानों को व्यापारियों को माल रखने के लिए नाम मात्र के शुल्क पर दुकान दी थी लेकिन व्यापारी दुकानों को किराए पर चलाकर खरीद फरोख्त कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
दुकानों के बाहर टीन शेड लगाकर कर लिया अतिक्रमण
दुकानों को किराए पर चलने के साथ ही दुकानों के बाहर टीन शेड लगाकर अतिक्रमण कर लिया है। वही बताया जा रहा है कि पूर्व में मंडी के बाहर हरे भरे पेड़ हुआ करते थे लेकिन दुकानदारों ने उन्हें टीन शेड लगाकर अतिक्रमण करने के उद्देश्य से काट दिया है। बता दे कि तत्कालीन उर्जावान एसडीएम दीपक चौहान द्वारा बस स्टेण्ड पर अतिक्रमण हटाओ मूहिम चलाई गई थी, जिन लोगो की दुकानो के बाहर नालियो के उपर पेड़ीयां बना रखी थी, उसे अतिक्रमण मानकर तोड़ दिया गया । परन्तु नीमच रोड़ स्थित मंडी के बाहर दुकाने प्रशासन की नजरो से कौसो दूर नजर आ रही है। ऐसे मे अतिक्रमणकर्ताओ व दुकानो को बेचना, किराये देना व मौटी रकम वसूलने वालो के होसले बुलंद है। ऐसे मे जिला कलेक्टर को चाहिऐ कि तत्काल मे मंडी प्रशासन को आदेशित कर दुकाने खाली कराई जावे साथ ही जिन लोगो को दुकाने आवंटित की गई थी, उन्होने किसी को भी बेची हो उसे शून्य मानकर मंडी प्रशासन अपने कब्जे मे लेकर पुन: निलामी की प्रक्रिया की जाये जिससे जो वास्तवीकता मे मंडी का माल रखे उन व्यापारियों को ही दी जाये ना कि किसी नाममात्र के व्यापारी को जो नाम के लिऐ ही व्यापारी है ।
तसीलदार मंडी प्रशासन से बात कर करवाएंगे जांच
दुकानों को किराए पर चलाने और खरीद फरोख्त करने के संदर्भ में जब तहसीलदार यशपाल मुजाल्दे से बात की गई तो उनका कहना है कि इस मामले में उन्हें जानकारी नहीं है। मामला संज्ञान में आया है। जावद मंडी प्रशासन से बात करके पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी।