नीमच। नीमच जिले के मनासा तहसील अंतर्गत आने वाले गांव आतरी माता चित्र का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां दूर-दूर से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां जीभ काटकर भी माता को अर्पित करते हैं। मगर आज यह गांव फिर चर्चा में आ गया है इस बार आतरी माता मंदिर में नहीं बल्कि गांव में एक मकान में हुए घटनाक्रम की वजह से यह चर्चा में आया है।
दरसल दावा है कि शुक्रवार शनिवार की मध्यरात्रि मे आंतरी माता के पूर्व सरपंच उदयराम धनगर के घर के फर्श पर करीब 57 कुमकुम लगे पाँव के निशान देखे गये। घर वालो को घटना की जानकारी तब हुई जब वे सुबह उठे। अनुमान है कि यह निशान करीब एक डेढ़ वर्ष की लड़कीं के हो सकते। क्योंकि हिन्दू संस्कृति में कन्या के पाव के निशान शुभ आमने जाते है जबकि पुरूष या बालक के पाव के निशान अशुभ माने जाते है। कुमकुम से छपे पाँव के निशान होने की जानकारी मिलते ही गांव के इस घर मे लोगो की भीड उमड़ पड़ी। गाँव के साथ आसपास के ग्रामीण इलाकों से लोग यह पाव के निशान देखने पहुँच रहे है।
गौरतलब हैं कि गाँव आतरी माता में प्रसिद्ध आतरी माता मंदिर में विराजित देवी मां भी चलकर मंदिर में आई थी निवेदन तीनों और मान्यताओं के अनुसार मां ने नदी के रास्ते मंदिर में प्रवेश किया था। मंदिर परिसर में भी देवी के पांव के निशान शीला पर बने हुए हैं जिसकी लोग पूजा करते हैं इस घटना को भी उसी तरह में देखा जा रहा है। क्योंकि आंतरी माताजी भी स्वयं बालिका रूप में आकर मंदिर में विराजित हुई थी।
इस मामले पर परिवार के सदस्य राम धनगर ने बताया के शुक्रवार की रात में घर के लोग जब घर दरवाजा बंद कर के सो रहे थे। तब यहाँ ये निशान बने है। घटना की जानकारी सुबह घर वालो को हुई जिसके बाद आसपास वाले लोगो को सूचित किया गया। इस परिवार में इतना छोटा बच्चा कोई नही है। जो चलकर दरवाजा खोलकर घर अंदर आ सके। ये पाँव के निशान घर के मुख्य दरवाजे से लेकर घर स्थित देव पूजा स्थल तक है। ऐसे प्रतीत होता है मानो माताजी घर प्रवेश कर पूजा स्थल पर रखी माता की मूर्ति में समाहित हो गई हो। बहरहाल जो भी हो इसे चमत्कार कहे या अंधविश्वास मगर घटना की जानकारी मिलते ही अब लोगों का इस घर में इस चमत्कार को देखने तांता लग गया है